मेरा बचपन और मेरी साइकल
वो दिन थे प्यारे जब कम थी अकल
बस खेले-कूदे  दिन गुज़र जाते थे
भोले से सपने रात को आते थे 
वो छोटी छोटी थी खुशियां सच्ची
ये  मन था भोला उमर थी कच्ची 
जब सोची समझी नहीं थी बातें
तब दिन थे प्यारे और प्यारी रातें 
Gone are those days!
But Solitaire food & stay still has the same nostalgia. 0172 4688500
 
                				 
	
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